देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों के विद्यार्थियों को एक बड़ी राहत दी है. एनआईसीटीई से मान्यता प्राप्त भारत के किसी भी तकनीकी संस्थान में प्रवेश ले चुके स्टूडेंट्स यदि किसी कारणवश अपना दाखिला रद्द करना चाहते हैं या अपनी सीट छोड़ना चाहते हैं ऐसे विद्यार्थियों के लिए यह एक राहत की खबर है.
एनआईसीटीई ने सभी कॉलेजों और संस्थानों को एक निर्देश दिया है इस निर्देश में कहा गया है कि ऐसे विद्यार्थी जो तकनीकी संस्थान में प्रवेश ले चुके हैं लेकिन वह अपना दाखिला रद्द करना चाहते हैं तो उन्हें पूरी फीस वापस लौटाई जाएगी.
हालांकि यह फीस केवल उन्हीं विद्यार्थियों को वापस लौटाई जाएगी जो 10 नवंबर 2020 तक तकनीकी संस्थान में अपनी सीट को छोड़ देंगे. इसके बाद सीट छोड़ने या एडमिशन रद्द करने वाले विद्यार्थियों को कटौती के साथ फीस लौटाई जाएगी.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार के मुताबिक कोरोना महामारी के आर्थिक संकट के चलते छात्रों और अभिभावकों को यह बड़ी राहत दी गई है. शैक्षणिक सत्र 2020 – 21 के एडमिशन एकेडमिक नियमों में बदलाव किया गया है.
यह है नया नियम
नए नियम के अनुसार जो स्टूडेंट 10 नवंबर 2020 तक अपना एडमिशन वापस ले लेते हैं उन्हें अधिकतम 1000 रुपए प्रोसेसिंग फीस काटकर शेष फीस वापस लौटा दी जाएगी और उसकी छोड़ी हुई सीट पर 15 नवंबर तक यदि कोई और स्टूडेंट एडमिशन ले लेता है तो उन्हें 1000 रुपए प्रोसेसिंग फीस के आलावा ट्यूशन और हॉस्टल फीस में सुनिश्चित हिस्से की कटौती करके शेष पैसा वापस लौटा दिया जाएगा.
इसके अलवा इस बात का ध्यान रखें कि अगर 10 नवंबर के बाद एडमिशन वापस लेने वाले विद्यार्थी की सीट 15 नवंबर तक नहीं भरती है तो उन्हें केवल सिक्योरिटी डिपॉज़िट का पैसा और जमा किए गए ओरिजिनल डॉक्यूमेंट ही वापस दिए जाएंगे.