
सिंघू बॉर्डर पर लाइब्रेरी बनाई गई है.
सुरविंदर सिंह वाडवा ने बताया कि सिंघू बॉर्डर पर एक पुस्तकालय-सह-सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया गया है, जहां किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. कोई भी यहां आकर किताबें पढ़ सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 18, 2020, 11:58 PM IST
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ हरियाणा-पंजाब के किसान दिल्ली बॉर्डर पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके प्रदर्शन को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और संगठनों का सहयोग प्राप्त है. इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही है. इस संबंध में छात्रों ने सर सैय्यद डे के मौके पर होने वाले डिनर का पैसा किसान आंदोलन में देने का फैसला किया है. दूसरी ओर यह तैयारी भी चल रही है कि एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की एक टीम दिल्ली जाकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की सेवा करेगी. गौरतलब है कि हाल ही में एएमयू के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिला भी था. किसानों से बात कर हरसंभव मदद के लिए हमेशा साथ होने की बात भी कही थी.
Delhi: A library-cum-cultural centre has been set up at Singhu border (Delhi-Haryana border) where farmers are protesting against the farm laws. “Anyone can come & read books here. Also, our team members teach the children living in slums of Kundli,” says Survinder Singh Wadwa. pic.twitter.com/vtmRVrteMN
— ANI (@ANI) December 18, 2020
किसानों के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने मेरठ में विपक्षी पार्टी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा, विपक्ष का कहना है कि जिसने बिल बनाया वह किसान नहीं है. जो 40 इंच आलू पैदा करने की बात करता है, क्या वह किसान है? क्या सोनिया गांधी किसान हैं? वास्तव में किसानों के लिए कुछ करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्मृति ईरानी ने मेरठ में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को एमएसपी में 8 लाख करोड़ रुपये दिए. जबकि यूपीए ने अपने 10 साल के कार्यकाल में महज 3.5 लाख करोड़ रुपये दिए. सत्तारूढ़ दल होने पर यूपीए ने क्या किया?