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- Chhattisgarh MLA Vikas Upadhyay Has Been Given The Responsibility To Govern Assam, Congress Has Been Given The Charge Of The Electoral State By Making Him The National Secretary
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रायपुर34 मिनट पहले

2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में विकास उपाध्याय पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने भाजपा सरकार में दिग्गज मंत्री राजेश मूणत को हराया था।
- असम में अप्रैल-मई 2021 में होने हैं विधानसभा चुनाव
- रायपुर से पहली बार विधायक चुने गए हैं विकास, अभी संसदीय सचिव भी हैं
छत्तीसगढ़ के रायपुर पश्चिम से कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय को सोनिया गांधी ने पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए असम का प्रभारी सचिव भी बनाया गया है।। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को उपाध्याय की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
विकास उपाध्याय के साथ हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह और महाराष्ट्र के पृथ्वीराज प्रभाकर साठे को असम में प्रभारी सचिव बनाया गया है। जितेंद्र सिंह असम में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हैं। विकास उपाध्याय छत्तीसगढ़ में पहली बार विधायक चुने गए हैं। हालांकि संगठन के मोर्चे पर उनकी सक्रियता की वजह से उन्हें संसदीय सचिव की जिम्मेदारी देकर मंत्री का दर्जा दिया गया है। इस नियुक्ति को चुनावी राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के अनुभवों और युवा जोश की बदौलत विकास वहां कितना कामयाब हो पाते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन गाढ़े वक्त में केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे से प्रदेश की राजनीति में उनकी ताकत में इजाफा तय माना जा रहा है।
चार महीने बाद असम में होने हैं चुुनाव
अब से करीब चार महीने बाद असम में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अप्रैल-मई 2016 में हुए पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस की अध्यक्षता वाली यूपीए बुरी तरह हारी थी। 126 सीट वाली असम विधानसभा में भाजपा नीत एनडीए के पास 86 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के पास महज 26 और उसकी सहयोगी आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 13 सीट।
एक-दो दिन में असम जाएंगे विकास
दैनिक भास्कर से बातचीत में विकास उपाध्याय ने कहा, वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद वे एक-दो दिन में असम के लिए रवाना हो जाएंगे। वहां जाकर संगठन से चर्चा होगी। उन्होंने कहा, असम का संगठन मजबूत है। पिछली बार हेमंत बिस्वा शर्मा के धोखे की वजह से सीटें कम आईं।
छत्तीसगढ़ में हम लोगों ने 15 वर्ष तक संघर्ष किया है। संघर्ष और उसका तरीका हमें आता है। असम में भी संगठन को स्थानीय मुद्दों और राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से दिशा देने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा, अपनी विधानसभा और प्रदेश की जिम्मेदारियों के साथ संतुलन बनाते हुए वे असम में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए वहां जाते रहेंगे।