नई दिल्लीः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने कोरोना के खिलाफ एक मुहिम बनाई है और हम सबने मिलकर तीसरी लहर पर भी काबू पा लिया है. न्यूयार्क में कोरोना के पीक पर मरीज सड़कों और कॉरिडोर में पड़े थे, लेकिन दिल्ली में अफरा-तफरी का माहौल नहीं था. दिल्ली में नवंबर में एक दिन में 8,600 केस आए, आज यह घटकर 1133 हो गए हैं, जबकि ठीक होने की दर 96.5 फीसदी है. दिल्ली में 10 लाख की आबादी पर प्रतिदिन 4500 टेस्ट हो रहे. वहीं यूपी में 670, गुजरात में 800 और अमेरिका में 4300 सैम्पल की जांच हो रही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली ने पूरे देश में कोरोना की सबसे ज्यादा मुश्किल लड़ाई लड़ी है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के अंदर कोरोना की तीसरी लहर चल रही थी. सबसे पहले जून के महीने में पहली बड़ी लहर आई, जिसमें कोरोना के मामले और मरीज बढ़ने लगे और साथ ही मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा. दूसरी लहर अगस्त -सितंबर के आसपास आई और तीसरी लहर दिल्ली के अंदर लगभग अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में आई थी.
सबने मिलकर तीसरी लहर पर पाया काबू
केजरीवाल ने आगे कहा, मुझे कहते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि हम सब दिल्ली वालों ने मिलकर इस तीसरी लहर के ऊपर भी काफी हद तक काबू पा लिया है. ऐसा लगता है कि तीसरी लहर भी अब खत्म होने लगी है या खत्म हो गई है. नवंबर के महीने में एक दिन ऐसा आया था, जब 8,600 मामले एक दिन में आए थे. देश ही नहीं पूरी दुनिया के अंदर यह सबसे ज्यादा एक दिन में मामले थे. दिल्ली के ऊपर इतनी तेजी के साथ कोरोना ने हमला किया था. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मामले एक दिन में दिल्ली के अंदर आए थे, लेकिन दिल्ली के लोगों ने सरकार के साथ मिलकर इस पर काबू पाया.
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केजरीवाल कोविड पर काबू पाने के लिए इन लोगों का किया शुक्रिया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आज इस मौके पर दिल्ली के लोगों का सबसे ज्यादा शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने इतनी कठिन परिस्थितियों में सरकार के साथ मिलकर इस कठिन परिस्थिति का सामना किया. मैं दिल्ली के अपने सभी कोरोना वारियर्स को सलाम करता हूं और उनका धन्यवाद- बधाई देना चाहता हूं. लेकिन कोरोना अभी भी बाकी है. मैं सभी डॉक्टर, नर्सेज, कोरोना वारियर, पुलिस कर्मी, सिविल डिफेंस वालंटियर और सफाई कर्मचारी को सलाम करता हूं जिन्होंने इस दौरान काम किया. मैं केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिसने समय-समय पर हमारा सहयोग किया. मैं दिल्ली की सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने बढ़-चढ़कर हम लोगों का साथ दिया. सभी राजनीतिक दलों का में धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने हर वक्त हमारा साथ दिया. अंत में केवल यही कहूंगा कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं आ जाती, तब तक इसको ढीले में मत लेना. तब तक हमें मास्क लगाकर घूमना है और सोशल डिस्टेंसिंग भी रखनी है. हमें लगातार अपने हाथों को सैनिटाइज भी करते रहना है.
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दिल्ली में एक दिन 8,600 केस आने पर भी नहीं था अफरा-तफरी का माहौल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अंदर 8,600 मामले भी आए, लेकिन कोई अफरा-तफरी का माहौल नहीं था. मरीज कॉरिडोर, सड़कों और गलियों में नहीं पड़े थे. दिल्ली के अस्पतालों में 9,500 बेड़ कोरोना के मरीजों से भरे हुए थे. इसके बावजूद अस्पतालों में 7 हजार बेड़ खाली पड़े थे. दिल्ली के अंदर कोरोना का प्रबंधन बहुत अच्छे से किया गया. जब हम नवंबर के महीने में 100 लोगों की जांच करते थे. उसमें से लगभग 15.26 फीसदी लोग या लगभग 15 लोग पॉजिटिव निकलते थे लेकिन अब पॉजीटिविटी दर घट कर 1.3 पर आ गई है. शायद पूरे देश भर के मुकाबले काफी कम है और दिल्ली में हमने जो देखा, उसके मुकाबले काफी कम है.
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दिल्ली में हो रहे विश्व में सबसे अधिक कोविड-19 टेस्ट
सीएम ने कहा, मुझे डॉक्टर, कोरोना वॉरियर्स, नर्सेज, अधिकारियों और स्टाफ पर इतना गर्व है कि उन्होंने समय की मांग के अनुसार रात- दिन 24 घंटे मेहनत कर टेस्ट बहुत ज्यादा बढ़ा दिए. आप सोच कर देखिए कि 20 अगस्त तक हम 20 हजार के करीब टेस्ट रोजाना किया करते थे. कोरोना की दूसरी लहर आई, तो हमने अधिकारियों-डॉक्टरों को कहा कि जांच बढ़ानी हैं. आज दिल्ली के अंदर लगभग 90 हजारा टेस्ट रोजाना हो रहे हैं. इतने टेस्ट भारत के अंदर तो सबसे ज्यादा हैं ही, पूरी दुनिया के अंदर भी सबसे ज्यादा टेस्ट दिल्ली के अंदर हो रहे हैं. सीएम ने आंकड़े देते हुए बताया कि दिल्ली में रोजाना 10 लाख की आबादी पर 4,500 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 670, गुजरात में सिर्फ 800 टेस्ट हो रहे हैं. अमेरिका में हर रोज 10 लाख की आबादी के ऊपर 4,300 टेस्ट हो रहे हैं. इंग्लैंड में हमसे ज्यादा हो 4,800 टेस्ट रोजाना हो रहे हैं.