मकर संक्रांति 2021: मकर संक्रांति को दान-पुण्य का दिन माना जाता है। इस साल संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति (मकर संक्रांति) के दिन शुरू के छह घंटे के भीतर दान-पुण्य किया जाए तो उसका विशेष महत्व होता है।
शास्त्रों के अनुसार दान देने और लेने के लिए समय का इंतजार नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि दान सदैव अपनी कमाई से दान करना चागीव। क्योंकि लिए गए दान का कोई फल प्राप्त नहीं होता है।
शास्त्रों के अनुसार ऐसे व्यक्ति को दान नहीं देना चाहिए जो उसका सदुपयोग नहीं करते हैं। सिर्फ अपने हित के बारे में सोचने वाले व्यक्ति को भी दान देना व्यर्थ माना जाता है। कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को दान देने का कोई फल प्राप्त नहीं होता है।
कहा जाता है कि ऐसे लोगों को दान नहीं देना चाहिए जो दान से कभी संतुष्ट नहीं होते हैं और दान लेने के पीछे से दानदाता का अपमान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार दान जेने के बाद व्यक्ति को कभी भी उसका पश्चाताप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उसका पुण्य समाप्त हो जाता है।
इसके अलावा ये बात ध्यान रखने की है कि दान रखने वाली वस्तुएं उत्तम श्रेणी की होनी चाहिए। पुरानी, अनुपयोगी या कबाड़ चीजें किसी को दान ना दें। इसके अलावा मांस-मदिरा आदि चीजों का दान कभी भी गलत नहीं करना चाहिए।