हिम्मत बहुत ज़रूरी
कैंसर सर्वाइवर 53 वर्षीय अनीता (बदला हुआ नाम) अपनी इस मुश्किल भरे सफर के बारे में बताते हुए कहती हैं- मुझे जब पहली बार पता चला की कैंसर है, वो भी फोर्थ स्टेज का, तो मैंने डॉक्टर से पूछा, मेरे पास कितना टाइम है ? डॉक्टर बोले, लोग तो कैंसर का नाम सुनकर ही बेहोश हो जाते हैं, आप में बहुत हिम्मत है. अब उसी हिम्मत को खुद में ज़िंदा रखते हुए, मैं कैंसर से पिछले पांच सालों से जंग लड़ रही हूं.”
कोरोना की वजह से बढ़ गई बीमारी
वो आगे बताती हैं- 2017 में बहुत सारी दिक्कतें होने पर जब मैंने कई टेस्ट करवाए, तो फोर्थ स्टेज का ओवेरियन कैंसर डायगनोज हुआ था. तब मेरा वजन केवल चालीस किलो था. लेकिन मेरी विल पॉवर स्ट्रॉन्ग होने के चलते, मैंने कई कीमोथेरेपीज़ और दो मेजरऑपरेशन्स को अपने ऊपर बर्दाश्त किया और मैं लगभग ठीक हो गयी थी. लेकिन अब एक बार फिर कैंसर ने अपनी पकड़ में ले लिया है, वो भी काफी ज्यादा प्रभाव के साथ और इसकी बड़ी वजह कोरोना है. कोरोना की वजह से मेरा ट्रीटमेंट बाधित हुआ. हॉस्पिटल नहीं जा सकी.दवाएं कहीं नहीं मिलीं और मैं घर में ही बंद होकर रह गयी. इसके साथ ही मेरी फिज़िकल एक्टविटीज़ पर भी असर हुआ. जिसकी वजह से कैंसर फिर से काफी ज्यादा बढ़ गया. जिसने मेरी किडनी, लीवर और लंग्स को इफेक्ट किया. अब मैं ट्रीटमेंट करवा तो रही हूं लेकिन अब ठीक हो भी पाऊंगी या नही, कह नहीं सकती. लेकिन हिम्मत आज भी बना कर रखी हुई है.
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दोस्तों का प्यार और साथ ज़रूरी
अनीता कहती है- बीमारी से तो इंसान को अकेले ही लड़ना पड़ता है. लेकिन उसके साथ हौसला और प्यार देने वाले लोग भी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं, जिनकी कमी मैं इन दिनों महसूस कर रही हूं. वैसे मैं सिंगल हूं, हमेशा अकेली ही रही हूं लेकिन दोस्तों का आना-जाना, हौसला और प्यार देना मेरी हिम्मत को बढ़ाता रहा है. जिसने मुझे बीमारी से लड़ने में बहुत मदद की है. लेकिन अब अकेलापन बहुत खेलने लगा है. कोरोना की वजह से लोग मेरी फ़िक्र करते हुए मेरे पास आने में कतराते हैं. इसलिए अब आगे की ज़िन्दगी में ये देखना होगा कि मैं अपनी हिम्मत के साथ कितना और सर्वाइव कर पाती हूं.